Nigaho Mein Manjil the,
Gire AUr Gir Kar Sambhalte Rahe,
Hawao Ne Bahut Koshish Ki
Magar Chirag Andhiaon Mein Bhi Jalte Rahe..
om sai ram..
sai dukh de raho par thodi himmat bhi de do..
sai aa bhi jao ab...
----------------------------------------------------------
mai himmat ni harne wala...jo sitam krna h kar le sai..
Tufanoo Ki Kami Nahi Jeevan mein
Ladte Hue Safar Karna Hoga
Jo Milega Zakham Safar-e-raho Mein
Unhe hi Zindagi Ka Tajorba Kehna Hoga
Lakha Zakham Khane Par bhi,Har Zakham Naya Hoga
Tajurba Jitna Bhi Ho ,Har Safar Naya Hoga
om sai ram...
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Nigaho Mein Manjil the,
Gire AUr Gir Kar Sambhalte Rahe,
Hawao Ne Bahut Koshish Ki
Magar Chirag Andhiaon Mein Bhi Jalte Rahe..
om sai ram..
sai dukh de raho par thodi himmat bhi de do..
sai aa bhi jao ab....
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aur kitna kuch dikhana chahta h baba mujhe ??..
jab tak sans hai tab tak dikha de kya kya dikhana hai..
abhi himmat hai tere es nek bande me..
mujhe kamjor na smjh tu abi..
Raahe Dushwar Bhi Ho Sakti Hai Manjil Ke Liye..
Hame Phir Bhi Gir Gir Kar Sambalna Hoga..
Waqt Chahe Ga To Kanto Par Bhi Chalenge Hum..
Apni Himat Se Jamne Ko Badlna Ho ga..
Manjil Pane Ki Kasak Dil mein Itni Tej Lage..
Agar Hum Chahe To Pathar Ko Bhi Pigalna Hoga..
Lagade Aag Pani Mein ,Hum Woh Irada Rakhte Hai..
Pairo Tale Zamin To Kya Hum Aasman Bhi Rakhte Hai..
Aapne Hatho ki Lakiro Ko Badal Sakta Hoon Main..
Bande Parvat ne Itni Taqat Di Hai..
ke Gir Kar Phir Sabhal Sakta Hoo Mai..
om sai ram..
-----------------------------------------------------------------------
ahi apne apko akela mat smjh ..pura karwa tere sath hai..
Kal Tak Door Se Dekhte The Karva..Aaj Karve Ka Hisa Baan Gaye..
Kaal Tak Pehchaan Na thi Koi..Aaj Ghar Ghar Ka Kisa Ho Gaye..
------------------------om sai ram..
Gire AUr Gir Kar Sambhalte Rahe,
Hawao Ne Bahut Koshish Ki
Magar Chirag Andhiaon Mein Bhi Jalte Rahe..
om sai ram..
sai dukh de raho par thodi himmat bhi de do..
sai aa bhi jao ab...
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mai himmat ni harne wala...jo sitam krna h kar le sai..
Tufanoo Ki Kami Nahi Jeevan mein
Ladte Hue Safar Karna Hoga
Jo Milega Zakham Safar-e-raho Mein
Unhe hi Zindagi Ka Tajorba Kehna Hoga
Lakha Zakham Khane Par bhi,Har Zakham Naya Hoga
Tajurba Jitna Bhi Ho ,Har Safar Naya Hoga
om sai ram...
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Nigaho Mein Manjil the,
Gire AUr Gir Kar Sambhalte Rahe,
Hawao Ne Bahut Koshish Ki
Magar Chirag Andhiaon Mein Bhi Jalte Rahe..
om sai ram..
sai dukh de raho par thodi himmat bhi de do..
sai aa bhi jao ab....
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aur kitna kuch dikhana chahta h baba mujhe ??..
jab tak sans hai tab tak dikha de kya kya dikhana hai..
abhi himmat hai tere es nek bande me..
mujhe kamjor na smjh tu abi..
Raahe Dushwar Bhi Ho Sakti Hai Manjil Ke Liye..
Hame Phir Bhi Gir Gir Kar Sambalna Hoga..
Waqt Chahe Ga To Kanto Par Bhi Chalenge Hum..
Apni Himat Se Jamne Ko Badlna Ho ga..
Manjil Pane Ki Kasak Dil mein Itni Tej Lage..
Agar Hum Chahe To Pathar Ko Bhi Pigalna Hoga..
Lagade Aag Pani Mein ,Hum Woh Irada Rakhte Hai..
Pairo Tale Zamin To Kya Hum Aasman Bhi Rakhte Hai..
Aapne Hatho ki Lakiro Ko Badal Sakta Hoon Main..
Bande Parvat ne Itni Taqat Di Hai..
ke Gir Kar Phir Sabhal Sakta Hoo Mai..
om sai ram..
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ahi apne apko akela mat smjh ..pura karwa tere sath hai..
Kal Tak Door Se Dekhte The Karva..Aaj Karve Ka Hisa Baan Gaye..
Kaal Tak Pehchaan Na thi Koi..Aaj Ghar Ghar Ka Kisa Ho Gaye..
------------------------om sai ram..
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कष्टों की काली छाया दुखदाई है ,
जीवन में घोर उदासी लाई है
संकट को टालो सांई दुहाई है ,
तेरे सिवा न कोई सहाई है
मेरे मन तेरी मूरत समाई है ,
हर पल हर क्षण महिमा गाई है
घर मेरे कष्टों का आंधी आई है,
आपने क्यूँ मेरी सुघ भुलाई है
तुम भोले नाथ हो दया निधान हो ,
तुम हनुमान हो महा बलवान हो
तुम्ही हो राम और तुम्ही श्याम हो ,
सारे जगत में तुम सबसे महान हो
तुम्ही महाकाली तुम्ही माँ शारदे ,
करता हूँ प्रार्थना भव से तार दे
तुम्ही मोहम्मद हो गरीब नवाज हो ,
नानक की वाणी में ईसा के साथ हो
तुम्ही दिगम्बर तुम्ही कबीर हो ,
हो बुद्ध तुम्ही और महावीर हो
सारे जगत का तुम्ही आधार हो ,
निराकार भी और साकार हो
करता हूँ बंदना प्रेम विस्वास से ,
सुनो सांई अल्लाह के वास्ते
अधरों में मेरे नहीं मुस्कान हैं ,
घर मेरा बनने लगा शमशान है
रहम नजर करो उजड़े वीरान पे ,
जिन्दगी संबीरेगी इक वरदान से
पापों की धुप से तन लगा हारने ,
आपका ये दास लगा पुकारने
आपने सदा ही लाज बचाई हैं ,
देर न हो जाए मन शंकाई है
धीरे-धीरे धीरज ही खोता हैं ,
मन में बसा विस्वास ही रोता हैं
मेरी कल्पना साकार कर दो ,
सुनी जिन्दगी में रंग भर दो
ढोते-ढोते पापों का भार जिन्दगी से ,
में हार गया जिन्दगी से
नाथ अबगुण अब तो विसारो ,
कष्टों की लहर से आके उबारो
करता हूँ पाप में पापों की खान हूँ
ज्ञानी तुम ज्ञानेश्वर में अज्ञान हूँ
करता हूँ पग पग पर पापों की भूल में ,
तार दो जीवन ये चरणों की धुल से
तुमने उजाड़ा हुआ घर बसाया ,
पानी से दीपक भी तुमने जलाया
तुमने ही शिरड़ी को धाम बनाया ,
छोटे से गाँव में स्वर्ग सजाया
कष्ट पाप श्राप उतारो ,
प्रेम दया दृष्टी से निहारो
आपका दास हूँ एसे ना टालीये ,
गिरने लगा हूँ साई संभालिये
सांई जी बालक में अनाथ हूँ ,
तेरे भरोसे रहता दिन रात हूँ
जैसा भी हूँ , हूँ तो आपका ,
कीजे निवारण मेरे संताप का
तू है सबेरा और में रात हूँ ,
मेल नहीं कोई फिर भी साथ हूँ
सांई मुझसे मुख न मोड़ो ,
बिच मझधार अकेले न छोडो
आपके चरणों में बसे प्राण हैं ,
तेरे बचन मेरे गुरु सामान हैं
आपके राहों पे चलता दास हैं ,
खुशी नहीं कोई जीवन उदास हैं
आंसू की धारा में डूबता किनारा ,
जिन्दगी में दर्द , नहीं गुजारा
लगाया चमन तो फूल खिलाओ ,
फूल खिले हैं तो खुशबू भी लाओ
कर दो इशारा तो बात बन जाए ,
जो किस्मत में नहीं वो मिल जाये
बिता जमाना ये गाके फसाना ,
सरहदे जीन्दगी मौत तराना
देर तो हो गयी है अंधेर ना हो ,
फिक्र मिले लेकिन फरेब न हो
देके टालो या दामन बचा लो ,
हिलने लगी रहनुमाई सम्भालो
तेरे दम पे अल्लाह की शान हैं ,
सूफी संतो का ये बयान हैं
गरीबों की झोली में भर दो खजाना ,
ज़माने के वाली करो ना बहाना
दर के भिखारी हैं मोहताज हैं हम ,
शहंशाहे आलम करो कुछ करम
तेरे खजाने में अल्लाह की रहमत ,
तुम सादगुरु सांई हो समरथ
आए तो धरती पे देने सहारा ,
करने लगे क्यों हमसे किनारा
जब तक ये ब्रहमांड रहेगा ,
सांई तेरा नाम रहेगा
चाँद सितारे तुम्हे पुकारेंगे ,
जन्मोजन्म हम रास्ता निहारेंगे
आत्मा बदलेगी चोले हजार
हम मिलते रहेंगे हर वार
आपके कदमो में बैठे रहेंगे ,
दुखड़े दिल के कहते रहेंगे
आपकी मर्जी है दो या ना दो ,
हम तो कहेंगे दामन ही भर दो
तुम हो दाता हम हैं भिकारी ,
सुनते नहीं क्यों अरज हमारी
अछा चलो एक बात बता दो ,
क्या नहीं तुम्हारे पास बता दो
जो नहीं देना है इनकार कर दो ,
ख़त्म ये आपस की तकरार कर दो
लौट के खाली चला जाऊंगा ,
फ़िर भी गुण तेरे गाऊंगा
जब तक काया है तब तक माया है ,
इसी में दुखों का भूल समाया है
सब कुछ जान के अनजान हूँ में ,
अल्लाह की तू शान तेरी हूँ शान में
तेरा करम सदा सबपे रहेगा ,
ये चक्र युग-युग चलता रहेगा
जो प्राणी गायेगा सांई तेरा नाम ,
उसको मिले मुक्ति पहुंचे परम धाम
ये मंत्र जो प्राणी नित दिन गाएँगे ,
राहू , केतु , शनि निकट न आएँगे
टल जाएंगे संकट सारे ,
घर में वास करें सुख सारे
जो श्रधा से करेगा पठन ,
उस पर देव सभी हो प्रसन्न
रोग समूह नष्ट हो जाएंगे ,
कष्ट निवारण मंत्र जो गाएंगे
चिंता हारेगा निवारण जाप ,
पल में दूर हो सब पाप
जो ये पुस्तक नित दिन बोंचे ,
लक्ष्मी जी घर उसके सदा विराजें
ज्ञान , बुद्धि प्राणी वो पाएगा ,
कष्ट निवारण मंत्र जो ध्यायेगा
ये मंत्र भक्त कमाल करेगा ,
आई जो अनहोनी तो टाल देगा
भुत-प्रेत भी रहेंगे दूर ,
इस मंत्र में सांई सक्ति भरपूर
जपते रहें जो मंत्र अगर ,
जादू टोना भी वो बेअसर
इस मंत्र में सब गुन समाए ,
ना हो भरोसा तो आजमाएं
ये मंत्र सांई बचन हो जानो ,
स्वयं अमल कर सत्य पहचानो
शंशय न लाना विस्वास जगाना ,
ये मंत्र सुखों का है खजाना
इस पुस्तक में सांई का वास ,
सांई दया से लिख पाया दास
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