इससे पहले कि दिया बुझे, दिया नया जला लेते हैं लोग
दिया तो दिया, दुनिया नई बसा लेते हैं लोग
डरते हैं पतन न कहीं जाए झलक
चेहरे पे चेहरा लगा लेते हैं लोग
यूँ तो आने-जाने की किसी को फ़ुरसत नहीं
लेकिन बात-बात पे महफ़िल जमा लेते हैं लोग
कभी इसकी तो कभी उसकी
जैसे भी हो खिचड़ी पका लेते हैं लोग
भरती का शेर राहुल से बनता नहीं
बनाने को बनाने वाले बना लेते हैं लोग
दिया तो दिया, दुनिया नई बसा लेते हैं लोग
डरते हैं पतन न कहीं जाए झलक
चेहरे पे चेहरा लगा लेते हैं लोग
यूँ तो आने-जाने की किसी को फ़ुरसत नहीं
लेकिन बात-बात पे महफ़िल जमा लेते हैं लोग
कभी इसकी तो कभी उसकी
जैसे भी हो खिचड़ी पका लेते हैं लोग
भरती का शेर राहुल से बनता नहीं
बनाने को बनाने वाले बना लेते हैं लोग
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