Friday, August 5, 2011

वो भोलापन !
















पैरों पर



मिट्टी थप- थपाकर


छोटा सा एक  घरौंदा


कभी बनाना


कभी तोड़ देना


जब दिल करता


हँसना-गाना


मौज मनाना


कभी -कभी रो देना


याद आता है


आज फिर वही


वो तुतलाता बचपन


वो बेफ़िक्री


वो भोलापन !

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